
वेतन कटौती, समय से वेतन भुगतान न होने, पीएफ कटौती सहित अन्य मांगों को लेकर सोमवार को एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर रहे, जिस वजह से 112 सेवा संचालित नहीं हो सकी। स्वास्थ्य अफसरों ने वैकल्पिक तौर पर 108 से गर्भवती को अस्पताल पहुंचाया मगर प्रसूता को घर छोड़ने की व्यवस्था नहीं हो सकी।
जानकारी के मुताबिक, वेतन में बेवजह कटौती, समय से वेतन भुगतान न होने, पीएफ कटौती, ग्रेच्युटी ना मिलने और दो-दो पीएफ एकाउंट होने के साथ ही ओवर टाइम का के भुगतान की मांग को लेकर 102 सेवा के कर्मचारी, चालक व इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन(ईएमटी) पिछले चार दिनों से आंदोलन कर रहे है।
सेवा प्रदाता संस्थान जीवीके एमआरआई ने आंदोलन कर रहे कर्मचारियों को निकालने का अल्टीमेटम दे दिया। जिसके बाद सोमवार को आंदोलन और भड़क गया। रविवार की देर रात से एंबुलेंस सेवा 102 सेवा के कर्मचारी कार्य-वहिष्कार पर चले गए।
इसके कारण सेवा 102 के 48 एंबुलेंस के पहिए थम गए। हालांकि सेवा 108 के एंबुलेंस का संचालन पूर्ववत हुआ। इसमें 54 एंबुलेंस हैं। कोरोना संक्रमण में तैनात एंबुलेंस संचालित हुई। सेवा 108 के जरिए ही सोमवार को प्रसूताओं को अस्पताल पहुंचाया गया।
एंबुलेंस कर्मचारी संघ के जिला महामंत्री राजाराम यादव ने बताया कि सेवा प्रदाता संस्थान लगातार कर्मचारियों को गुमराह कर रही है। वह कर्मचारियों के वेतन से अनाप-शनाप कटौती कर रही है। हर महीने 40 से 50 फीसदी कर्मचारियों को कम वेतन मिल रहा है। इससे कर्मचारी आक्रोशित हैं।
Source - Amar Ujala
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