पहली जुलाई से राजधानी के निजी स्कूल खुल जाएंगे। मगर बच्चों के लिए नहीं। स्कूल अभी सिर्फ शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए ही खोले जाएंगे। स्कूल प्रबंधन द्वारा पहली जुलाई से शिक्षकों को स्कूल आने के लिए कहा गया है। इतना ही नहीं शिक्षक कर्मचारियों के वेतन में 50 प्रतिशत कटौती के फरमान भी जारी किए गए हैं। इसके पीछे बच्चों की फीस न जमा होने की बात सामने आ रही है। वेतन आधा किये जाने और संक्रमण खतरे के बावजूद स्कूल बुलाए जाने के विरोध की आहट भी सुनाई देने लगी है।
बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते हुए स्कूल लॉकडाउन के कारण 22 मार्च के बाद से स्कूल बंद कर दिए गए थे। तब से लगातार स्कूल बंद चल रहे थे।
शिक्षक अपने अपने घरों से ऑनलाइन क्लासेज संचालित कर रहे थे। इस दौरान बहुत कम संख्या में अभिभावकों की ओर से फीस जमा की गई। इधर अनलॉक वन में निजी स्कूल प्रबंधकों ने पहली जुलाई से आधे वेतन पर शिक्षकों को स्कूल आने के फरमान जारी किए हैं।
अनेटेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने बताया कि पहली जुलाई से शिक्षकों को बुलाया गया है। इस दौरान कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सभी जरूरी एहतियात अपनाए जाएंगे। शिक्षक कर्मचारियों का वेतन आधा किए जाने का सबसे मुख्य कारण है अभिभावकों की ओर से फीस का न आना। जब स्कूलों को ही आय नहीं होगी, तो शिक्षक-कर्मचारियों का वेतन कहां से दिया जा सकेगा।
Source - Dainik Bhaskar

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