कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच के आह्वान पर गुरुवार को कर्मचारियों व शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट के धरना स्थल पर प्रदर्शन किया। शिक्षक-कर्मचारियों ने अपनी 21 सूत्री मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा।
धरने की अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष आनंद कुमार पाठक ने की। उन्होंने कहा कि सरकार निरंतर शिक्षक व कर्मचारियों के उत्पीड़न पर उतर आई है। मनमाने कानून बनाकर शोषण किया जा रहा है। कभी उनको जबरिया रिटायर कर दिया जाता है, तो कभी उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जा रह हैं। उन्होंने मांग की कि शिक्षकों-कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को तत्काल बहाल किया जाए।
जिला महासचिव चंद्रप्रताप ने कहा कि सरकार ने मांग नहीं मानी तो सभी आंदोलन को तेज करने को विवश होंगे। मंच के जिला सचिव विजय उपाध्याय ने शिक्षामित्रों को पूर्ण शिक्षक का दर्जा देने, रसोईयों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय बढ़ाने, स्कूलों में अनुचर व चौकीदार की तैनाती करने आदि की मांग की।
धरने को जिला सचिव आरके वर्मा, बीडी सिंह व संरक्षक आरसी चौधरी ने संबोधित करते हुए कहा कि अब शिक्षक-कर्मचारी न रुकेंगे, न झुकेंगे। मांगें सरकार को माननी ही पड़ेंगी। धरने को मंच के उपाध्यक्ष संजय मिश्र, सरदार सरजीत सिंह, डा. दीनबंधु शुक्ल ने संबोधित किया। प्रदर्शन के बाद नगर मजिस्ट्रेट ज्योति राय को ज्ञापन सौंपा गया।
इस दौरान संयुक्त सचिव विमला मिश्र, सुनील वर्मा, नफीस अहमद, भुवनेश्वर पाठक, शौकत अली, वीरेंद्र ओझा, बृजेश गुप्त, उदयशंकर त्रिपाठी, सुग्रीव वर्मा आदि मौजूद रहे। जाम से हलकान रहे लोग
शिक्षकों व कर्मचारियों के प्रदर्शन के दौरान कलेक्ट्रेट के बाहर बौद्ध परिपथ पर मार्ग जाम के हालात पैदा हो गए। मार्ग जाम होने के कारण काफी संख्या में वाहनों की कतार लग गई। कई लोगों को दूसरे रास्तों से होकर गुजरने के लिए मजबूर होना पड़ा।
Source - Jagran
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.