साल 2016, केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बंपर इजाफा हुआ. ये वो साल था जब केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 7वां वेतन आयोग (7th CPC) लागू किया गया. 7th CPC की सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी (Minimum Salary) बढ़ाने के लिए फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) लागू किया गया. फिटमेंट फैक्टर लगने की वजह से केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी सीधे 6000 रुपए से 18000 रुपए हो गई. फिटमेंट फैक्टर 2.57 निर्धारित किया गया. हालांकि, केंद्रीय कर्मचारियों की डिमांड थी कि इसे 3 रखा जाए. अगर यह 3 होता तो मिनिमम सैलरी 26000 रुपए तक पहुंच सकती थी.
Fitment Factor से तय होती है सैलरी
केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी (CG Employees Salary) तय करने में फिटमेंट फैक्टर का अहम रोल है. 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी भत्तों (Salary Allowances) के अलावा उसकी बेसिक सैलरी (Basic Salary) और फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) से ही तय होती है. ये वो फैक्टर है जिससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी ढाई गुना से ज्यादा बढ़ जाती है.
वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर 2.57 है. केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करते समय, भत्तों के अलावा जैसे महंगाई भत्ता (DA), यात्रा भत्ता (TA), हाउस रेंट अलाउंट (HRA) वगैरह., कर्मचारी की बेसिक सैलरी को 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission latest update) के फिटमेंट फैक्टर 2.57 से गुणा करके निकाला जाता है. उदाहरण के तौर पर- अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी होगी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए. अगर इसी को 3 मान लिया जाए तो सैलरी होगी 26000X3= 78000 रुपए. कर्मचारियों को इसमें बंपर फायदा मिलेगा.
JCM सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा का कहना है कि केंद्रीय कर्मचारियों को पिछले 18 महीने का एरियर नहीं मिला है. सरकार ने फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने पर भी कोई ठोस फैसला नहीं किया है. अगर फिटमेंट फैक्टर 3 होता है तो निश्चित तौर पर इसका फायदा मिलेगा. कर्मचारियों की लंबी समय से डिमांड है कि फिटमेंट को बढ़ाया जाए.
भत्तों की कैलकुलेशन (DA Calculation)
बिना भत्तों के जब केंद्रीय कर्मचारी (Central government employees) की सैलरी तय हो जाती है, तो इसके बाद तमाम तरह के भत्तों को जोड़ा जाता है, जैसे DA, TA, HRA, मेडिकल रीम्बर्समेंट वगैरह. केंद्रीय कर्मचारियों के लिए DA महंगाई से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए दिया जाता है. इसे साल में दो बार तय किया जाता है. पहली बार जनवरी से जून के दौरान और दूसरी बार जुलाई से दिसंबर की अवधि के लिए तय होता है.
3 फीसदी बढ़ाया जा सकता है DA
सरकार साल के पहले 6 महीने की महंगाई का औसत निकालती है, इसमें जनवरी से जून को काउंट किया जाता है. इसके बाद दूसरी छमाही में महंगाई का औसत निकाला जाता है. इस आधार पर DA में बढ़ोतरी तय की जाती है. DA हमेशा औसत महंगाई से ज्यादा होता है. फिलहाल, जुलाई AICPI इंडेक्स 122.8 प्वाइंट पर है. इसलिए ऐसा अनुमान जताया जा रहा है कि जुलाई 2021 की अवधि के लिए महंगाई भत्ता कम से कम 3 फीसदी बढ़ाया जा सकता है.
DA में बढ़ोतरी के बाद TA उसी आधार पर बढ़ाया जाता है. DA में बढ़ोतरी TA से भी लिंक्ड है. इसी तरह HRA और मेडिकल रीम्बर्समेंट भी तय हो जाता है. जब सारे भत्ते कैलकुलेट हो जाते हैं तब केंद्रीय कर्मचारी की मासिक CTC तय होती है.
PF, ग्रेच्युटी का योगदान
सभी तरह के भत्ते और सैलरी फाइनल होने के बाद अब बात आती है मासिक Provident Fund (PF) और ग्रेच्युटी योगदान की. PF और ग्रेच्युटी योगदान बेसिक सैलरी और DA से लिंक होता है. केंद्रीय कर्मचारी का PF और ग्रेच्युटी उसके फॉर्मूले से तय होता है. जब सारे भत्ते और कटौतियां CTC से हो जाती हैं तब केंद्रीय कर्मचारी की टेक होम सैलरी तय होती है.
Source - Zee News
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