
होली बजोली स्थित 180 मेगावाट हाइड्रो प्रोजेक्ट में काम करने वाले 2800 कर्मचारियों को सात माह से वेतनमान नहीं मिल पाया है। इस कारण मजदूरों को परिवारों का पालन-पोषण करने की चिंता सता रही है। समाजसेवी दिनेश शर्मा ने प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से निजी परियोजना प्रबंधन के मजदूरों के किए जा रहे शोषण को खत्म करने और उन्हें वेतन अदायगी की मांग उठाई है।
दिनेश शर्मा ने बताया कि भरमौर उपमंडल में निर्माणाधीन बजोली-होली पावर प्रोजेक्ट के अढ़ाई हजार से अधिक मजदूरों ने वेतन के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। वर्तमान समय में मजदूरों को वेतनमान न मिलने से उन्हें घर का चूल्हा उधारी के राशन से चलना पड़ रहा है। इसके चलते कामगार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
जीएमआर भरमौर के होली जिले में 180 मेगावाट के हाइड्रो प्रोजेक्ट का निर्माण कर रही है। प्रोजेक्ट का सिविल वर्क जीएमआर कंपनी कर रही है। पिछले साल सर्दियों में भारी बारिश और हिमपात के चलते कंपनी ने काम बंद करवा दिया था।
इसके बाद मौसम खुलने पर कंपनी प्रबंधन ने परियोजना का काम शुरू नहीं किया। उन्होंने कहा कि नवंबर 2019 से आज तक कंपनी ने मजदूरों को वेतन के नाम पर सिर्फ आश्वासन दिया है। मजदूरों को सिर्फ कंपनी प्रबंधन से गुमराह ही किया जा रहा है।
इस बारे में जिलाधीश चंबा और श्रम विभाग को भी अवगत करवाया गया है। बावजूद समस्या जस की तस ही बनी हुई है। बहरहाल, अब मजदूरों ने कहीं से भी न्याय न मिलने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का मन बनाया है।
श्रम अधिकारी चंबा अनुराग शर्मा ने बताया कि विभाग ने गेमन कंपनी को नोटिस जारी कर नवंबर माह का 50 प्रतिशत वेतनमान प्रदान करवा दिया है। शेेष वेतनमान जल्द प्रदान करवाने के लिए विभाग प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि विभाग के दबाव के चलते ही ग्रिड वेल की ओर से मजदूरों को चार माह का वेतनमान मार्च माह में दिलवाया गया है।
Source - Amar Ujala
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