केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) ने रेलवे में तकनीकी कैडर के पुनर्गठन में आरक्षित वर्ग को प्रमोशन देने के मामले में आरक्षण को दरकिनार कर केवल वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन देने की बात कही है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि प्रमोशन में कोई रिजर्वेशन लागू न हो।
कैट की एक खंडपीठ ने मंगलवार को रेलवे के डीजल लोकोमोटिव वर्क्स में डीजल टेक्नीशियन ग्रेड-1 के पद पर कार्यरत 39 कर्मचारियों की ओर से दायर एक याचिका के संबंध में यह फैसला सुनाया। उन्होंने रेलवे के उस फैसले को कैट में चुनौती दी थी, जिसमें कैडर का पुनर्गठन करते हुए एससी/एसटी कोटे के कर्मचारियों को प्रमोशन में लाभ पहुंचाया गया था।
इन कर्मियों ने रिजर्व कैटेगरी के कर्मचारियों को प्रमोट कर दिए जा रहे लाभ को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि यह कैडर में 50 प्रतिशत से ज्यादा की रिजर्वेशन पा रहे हैं। याचिकाकर्ताओं के मुताबिक रेलवे के पास ऐसा कोई डाटा नहीं है, जिसके मुताबिक सही रूप से रिजर्व कैटेगरी को प्रमोशन का लाभ मिले।
रेलवे के गुरपिंदर सिंह समेत अन्य टेक्नीशियनों ने भारत सरकार, डीजल लोकोमोटिव वर्क्स पटियाला के सीएओ के खिलाफ अर्जी दायर की थी।
SOURCE - chandigarh.amarujala
कैट की एक खंडपीठ ने मंगलवार को रेलवे के डीजल लोकोमोटिव वर्क्स में डीजल टेक्नीशियन ग्रेड-1 के पद पर कार्यरत 39 कर्मचारियों की ओर से दायर एक याचिका के संबंध में यह फैसला सुनाया। उन्होंने रेलवे के उस फैसले को कैट में चुनौती दी थी, जिसमें कैडर का पुनर्गठन करते हुए एससी/एसटी कोटे के कर्मचारियों को प्रमोशन में लाभ पहुंचाया गया था।
इन कर्मियों ने रिजर्व कैटेगरी के कर्मचारियों को प्रमोट कर दिए जा रहे लाभ को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि यह कैडर में 50 प्रतिशत से ज्यादा की रिजर्वेशन पा रहे हैं। याचिकाकर्ताओं के मुताबिक रेलवे के पास ऐसा कोई डाटा नहीं है, जिसके मुताबिक सही रूप से रिजर्व कैटेगरी को प्रमोशन का लाभ मिले।
रेलवे के गुरपिंदर सिंह समेत अन्य टेक्नीशियनों ने भारत सरकार, डीजल लोकोमोटिव वर्क्स पटियाला के सीएओ के खिलाफ अर्जी दायर की थी।
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