मोदी सरकार के पहले आम बजट से आम आदमी को काफी उम्मीदें हैं। बजट से पहले टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने के साथ ही सरकार टैक्स पेयर्स को निवेश के नए माध्यम तैयार कर राहत दे सकती है। बजट में 3 साल की अवधि के फि़क्स्ड डिपॉजिट्स पर टैक्स छूट की सौगात मिल सकती है। अब तक टैक्स छूट पाने के लिए पांच साल की एफडी जरूरी होती है। पांच साल की एफडी पर टैक्स छूट मिलने के कारण ज्यादातर निवेशक एफडी में निवेश नहीं कर टैक्स फ्री-बांड और म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं।
मौजूदा समय में टैक्स बचाने के साधनों का लॉक इन पीरियड
एफडी की तरफ होंगे आकर्षित
बैंक अधिकारियों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ प्री-बजट मीटिंग में वित्त मंत्री अरुण जेटली से तीन साल की एफडी पर टैक्स छूट देने का अनुरोध किया गया है। प्री-बजट मीटिंग में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि तीन साल के एफडी पर टैक्स छूट पर विचार किया जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि कॉर्पोरेट और व्यक्तियों के लिए अलग-अलग टैक्स स्लैब पर विचार करने का अनुरोध भी किया गया। बैंकरों का कहना है कि अगर सरकार ऐसा करती है तो लोग एफडी की ओर अधिक आकर्षित होंगे। म्युचुअल फंड जैसे अन्य निवेश टूल में लोगों का रुझान कम होगा।
60 दिन में मिलेगा लाइफ इंश्यॉरेंस का क्लेम
लाइफ इंश्यॉरेंस का क्लेम लेने के लिए अब आपको 6 महीनों तक चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। केवल 60 दिन के भीतर क्लेम लिया जा सकेगा। इंश्यॉरेंस रेगुलेटर सभी कंपनियों के लिए इसे अनिवार्य करने की तैयारी कर रही है। नियम लागू होने के बाद अगर कोई कंपनी 60 दिन में लाइफ इंश्यॉरेंस का क्लेम सैटल करने में नाकाम रहती है तो लाभार्थी इंश्यॉरर को कोर्ट ले जा सकता है। फिलहाल इंश्यॉरेंस रेगुलेटर एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (आईआरडीए) ने लाइफ इंश्यॉरर्स कंपनियों को ये करने का निर्देश दिया है।
सरकार ने पिछले साल 24 दिसंबर को इंश्यॉरेंस लॉ (अमेंडमेंट) बिल, 2008 पर अध्यादेश को हरी झंडी दे दी थी। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य इंश्योरेंस सेक्टर में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने का है।
50 साल से पहले नहीं निकाल सकेंगे पूरी पीएफ रकम
पीएफ का पैसा निकालने वाले लोगों के लिए बुरी खबर है। रिटायरमेंट से पहले अपने पीएफ अकाउंट से पूरी रकम निकालने की प्रवृत्ति पर भवष्यि निधि संगठन (ईपीएफओ) लगाम कसने जा रहा है। योजना के तहत कर्मचारी 50 साल के होने या फिर सेवानिवृत्त होने के बाद ही पूरा पैसा निकाल सकेगा। इससे पहले तक कुल जमा रकम का 10 फीसदी हिस्सा ईपीएफओ अपने पास जमा रखेगा। हाल ही में हुई ईपीएफओ की समीक्षा बैठक में ये प्रस्ताव दिया गया।
यूएन निभाएगा अहम भूमिका
प्रस्ताव के तहत पीएफ सदस्य के 50 साल के होने पर या फिर इससे पहले कुछ खास कारणों पर ही पूरी रकम निकालने की मंजूरी होगी। इस प्रस्ताव पर कर्मचारी संगठनों के साथ ही सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी इस प्रस्ताव के पक्ष में है। यूनिवर्सल अकाउंट नंबर प्रणाली के पूरी तरह से काम करने पर समय से पहले पैसा निकालने की प्रवृत्ति पर लगाम लगेगी।
source - govemployees .in